नमस्कार दोस्तों ! Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है जब भी हमें कोई प्रमुख कार्य करना होता है पास जाते हैं और उनसे शुभ मुहूर्त पूछते हैं उसे कार्य को करने का । भारत देश और अन्य देशों में ज्योतिष के अनुसार ही कोई कार्य किया जाता है के अनुसार कोई कार्य अगर शुभ मुहूर्त में हो रहा हो तो उसका फल भी शुभ ही मिलता है जब किसी शिशु का जन्म होता है तो पंडित उसकी कुंडली निकलता है उसे कुंडली में उसे शिशु के बारे में संपूर्ण जानकारी होती है पंडित पंचांग में उसे समय को देखा है जिस समय वह शिशु का जन्म हुआ होता है उसे समय के अनुसार ग्रहों की क्या दशा थी ब्रह्मांड में उसका पता चलता है और नक्षत्र का पता चलता है लग्न किसी भी कुंडली का पहला स्थान होता है शिशु लग्न में कौन सा ग्रह था उसका पता चलता है कुंडली के द्वारा ।
मान लीजिए किसी का लग्न सिंह है तो उसकी कुंडली में प्रथम घर पांच नंबर वाला सिंह लग्न होगा और क्यों लग्न के स्वामी है सूर्य । यदि इस स्थान में सूर्य बैठे हैं तो ऐसा व्यक्ति संसार में अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा लेकिन मात्र सूर्य बैठा है इसी के अनुसार हम किसी ग्रह की तुलना नहीं कर सकते हैं अन्य ग्रह भी देखने होते हैं उसी के अनुसार हम किसी व्यक्ति की पूरी जीवन रेखा बता सकते हैं
आप ज्योतिष भी दो प्रकार का है
गणित ज्योतिष
फलित ज्योतिष
घड़ी ज्योतिष क्या है और फलित ज्योतिष क्या होता है इनके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर ज्योति शुरू कर रहे हैं और उनके बारे में जानकारी नहीं है तो क्या कहा जाए आपसे । क्योंकि किसी भी चीज को शुरू करने से पहले उसकी बेसिक जानकारी होना जरूरी है आज के वक्त में पृथ्वी और चंद्रमा की कितनी दूरी है वैज्ञानिकों ने पता लगा दिया लेकिन उससे पहले ज्योतिष नहीं इस बात का पता लगा दिया विज्ञान तो बाद में आया ज्योतिष तो पहले आ गया और ज्योतिष ने ऐसी गणना कर दि है ।
आज किस लेख में हम आपको बताएंगे फलित ज्योतिष क्या होता है गणित ज्योतिष क्या होता है और नक्षत्र क्या होते हैं अगर आप इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े अगर आप चाहते हैं कि हम ज्योतिष के ऊपर भी जानकारी आपके लिए तो आप कमेंट करके बता सकते हैं क्योंकि ऐसी जानकारी बहुत ही कम लोग लाते हैं क्योंकि ऐसी जानकारी बहुत ही कम लोग लाते हैं और अगर आप चाहते हैं कुंडली सीखना यह आप अपनी कुंडली बनवाना चाहते हैं क्या हमसे अपने जीवन के बारे में कुछ सवाल पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट करके बता सकते हैं हम आपकी जो सवाल है उनसे संबंधित आर्टिकल अपनी वेबसाइट में लिखेंगे हमको कई ईमेल आते हैं उन्हें ईमेल का जवाब भी हम तुरंत देते हैं यदि आप हमें ईमेल करना चाहते हैं तो हमारा ईमेल पता नीचे दिया गया है आप इसमें ईमेल कर सकते हैं Mysmarttips.in@gmail.com।
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ज्योतिष क्या है
जब भी किसी शिशु का जन्म होता है तो हम पंडित से इस कुंडली बनवेट हैं आप कुंडली जो बनती है उसे उसे मनुष्य के बारे में संपूर्ण जानकारी पता चल जाती है
ज्योतिष को तीन भागों में बांटा गया है
होरा शास्त्र
गणित
संहिता
होरा शास्त्र को दो भागों में बांटा गया है
कुंडली बनाना और उसकी गणना करना होरा शास्त्र के अंदर आता है होरा शास्त्र में एक गणित होता है दूसरा फलित होता है।
गणित शास्त्र किसे कहते हैं
होरा शास्त्र में गणित शास्त्र को खगोलीय ज्ञान भी कहते हैं इसका मतलब किसी बीजगणित से नहीं है और ना ही किसी अंक गरीब से ग्रहों की गति का निर्धारण करता है गणित शास्त्र । आप कह सकते हैं की गणित शास्त्र शरीर है गणित शास्त्र के अनुसार किसी भी ग्रह की गति और स्थिति का पता चलता है
वहीं अगर अगर फलित शास्त्र की बात करी जाए तो यह गौरव से होने वाले उसे व्यक्ति को क्या फायदे हैं क्या नुकसान है उसके बारे में बताता है आप कह सकते हैं कि फलित शास्त्र किसी शरीर का प्राण है फलित के अनुसार किसी ग्रह की प्रकृति और स्वभाव का पता चलता है
ज्योतिष हमें ऋषि मुनियों से मिला है अब कई लोग सोच रहे होंगे उसे समय तो ऐसी टेक्नोलॉजी भी नहीं थी तो ऋषि मुनियों ने ग्रहों की गणना कैसे करें तो नीचे ध्यान से पड़े क्योंकि हम इसका जवाब आपको बता रहे हैं
6 प्राण का 1 पल होता है प्राण का मतलब शवास है
1 प्राण (शवास) लेने में 4 सेकंड लगता है तो 6 प्राण (शवास) लेने में
4×6= 24 सेकंड का एक पल
60 पल बनाने के लिए
24×60 =1440
1440÷ 60 = 24 मिनट 1 घटी
ऐसे 60 घटी का मान निकालने के लिए
60÷ 24 = 2 1/4 एक घंटा
60 घटीयाॅ दिन रात होती है
हमारी राय इस आर्टिकल पर
आज इस आर्टिकल में हमने आपको फलित कुंडली कुंडली और गणित कुंडली के बीच का अंतर बताया यदि आप हमारे द्वारा बताइए जानकारी समझ में आई तो कमेंट करके अवश्य बताएं अधिक जानकारी के लिए आप हमें कमेंट भी कर सकते हैं या हमें ईमेल भी कर सकते हैं।
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